राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमकर कास्ट पॉलिटिक्स चल रही है. दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग जातियों के आगे वोट बैंक पॉलिटिक्स की बिसात बिछा दी है. कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी पर दांव खेला है तो बीजेपी ने सवर्णों पर दांव खेला है.चौंकाने वाली बात ये कि बीजेपी ने मुस्लिम समुदाय नहीं उतारे हैं जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस समुदाय को भी रिझाने का दांव खेला है.
बीजेपी ने राजस्थान में जाट समुदाय से 33 उम्मीदवार उतारे हैं तो 10 गुर्जर समुदाय को प्रत्याशी बनाया है. एसटी समुदाय को उनके लिए रिजर्व सीटों से ज्यादा टिकट बीजेपी ने जरूर दिया, लेकिन दलित समुदाय को उनके लिए आरक्षित सीटों पर ही प्रत्याशी बनाया है.
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राजस्थान में दलित समुदाय के लिए 34 सीटें रिजर्व हैं तो आदिवासी समुदाय के लिए 25 सीटें आरक्षित है. बीजेपी ने 34 सीट पर दलितों को टिकट दिया तो 30 सीट पर आदिवासी प्रत्याशी उतारे.
कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के जरिए सोशल इंजीनियरिंग बनाने की कवायद की है. कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट देंखें तो पार्टी ने सबसे ज्यादा जाट समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं. पार्टी ने 36 जाट समुदाय को टिकट दिया तो 11 गुर्जर समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं.
इस तरह से जाट और गुर्जर समुदाय से 42 प्रत्याशी दिए हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने भी बीजेपी के बराबर ही 11 वैश्य समुदाय को कैंडिडेट बनाया है.
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बीजेपी ने किसी मुस्लिम को नहीं दिया टिकट
राजस्थान में बीजेपी ने इस बार किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है. इससे पहले तक बीजेपी विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतरती रही है. बीजेपी एक समय पांच-पांच मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से दो से तीन जीत दर्ज करते रहे हैं.
2018 में बीजेपी ने महज एक सीट से मुस्लिम कैंडिडेट युनुस खान को उतारा था, लेकिन वो जीत नहीं सके. बीजेपी इस बार एक भी मुस्लिम को नहीं उतारा है तो कांग्रेस ने 14 सीट पर मुस्लिम को टिकट दिया है. इस तरह से बीजेपी ने हिंदुत्व का एजेंडा सेट करने का दांव चला है तो कांग्रेस ने 12 फीसदी मुस्लिमों का साधने का दांव चला है.
कांग्रेस ने दलित समुदाय को रिजर्व 34 सीटों पर ही टिकट दिया है तो आदिवासी समुदाय को सामान्य सीटों पर भी उतारा है. कांग्रेस ने 33 एसटी समुदाय को टिकट दिए हैं.
बीजेपी की तुलना में कांग्रेस सवर्णों को टिकट कम दिए हैं. कांग्रेस ने 17 राजपूत और 16 ब्राह्मण समुदाय को टिकट दिए हैं.
कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय पर खास फोकस किया है, जिसके तहत अलग-अलग ओबीसी जातियों को टिकट दिए हैं. कांग्रेस ने 14 सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं.
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