Gold Investment: सोने में निवेश का एक बेहद सुरक्षित जरिया है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond), जिसे रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किया जाता है.
Gold Investment: दीवाली का त्योहार काफी करीब है. जिसकी शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2023) से होती है. धनतेरस के मौके पर सोना खरीदने (Gold Buying) का धार्मिक महत्व भी है. इस मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है.
पुराने समय से मान्यता चली आ रही है कि धनतेरस पर सोना-चांदी या अन्य किसी कीमती धातु को खरीदने से घर में लक्ष्मी आती है. यही वजह है कि इस मौके पर लोग जमकर सोना-चांदी (Gold-Silver) की बनी चीजें खरीदते हैं. हालांकि, बदलते समय के साथ निवेश (Investment)के तौर तरीके में भी बदलाव आया है.
कहां से खरीद सकते हैं गोल्ड?
आजकल सभी लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप पेटीएम, गूगल पे और फोन पे जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए गोल्ड खरीद सकते हैं. आपको 1 रुपये में भी 1 रुपये में 999.9 शुद्ध सर्टिफाइड गोल्ड मिलेगा.
कैसे खरीद सकते हैं डिजिटल गोल्ड-
- आपको सबसे पहले गूगल प्ले को ओपन करना होगा.
- यहां पर आपको लॉगइन करना होगा.
- इसके बाद में नीचे स्क्रॉल करके आपको गोल्ड आइकन पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद मैनेज योर मनी में Buy Gold का ऑप्शन चुनें.
- अब आपको अमाउंट एंटर करनी होगी, जितने रुपये का गोल्ड खरीदना है.
- बता दें आपको इस पर 3 फीसदी जीएसटी भी देना होगा.
- अगर आप 5 रुपये का डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो 0.9 mg मिलेगा.
- यहां पर आपको गोल्ड को खरीदने और बेचने दोनों का ऑप्शन मिलेगा.
- अगर आपको बेचना होगा तो सेल के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds)
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स, जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये एक म्यूचुअल फंड है जो सोने में निवेश करता है. ये एक ओपेन एंडेड इन्वेस्टमेंट होता है, जो कि गोल्ड ETF में निवेश करता है. इसमें आप 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं.
इसमें आमतौर पर वो लोग निवेश करते हैं जिन्हें लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न चाहिए होता है, साथ ही जिनको शेयर मार्केट में गिरावट के बदले थोड़ा सपोर्ट चाहिए. कई बार अच्छे गोल्ड फंड में निवेश से मिलने वाला रिटर्न, सोने की वास्तविक कीमत से भी ज्यादा होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड में टैक्सेशन का भी ध्यान रखना चाहिए, इसमें टैक्स वैसे ही लगता है जैसे गोल्ड ज्वेलरी पर लगता है. टैक्स कितना लगेगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि निवेश कितनी अवधि के लिए किया गया है. मान लीजिए निवेश के तीन साल के अंदर आपने रिडीम किया तो इसे शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाएगा.
ऐसे में रकम को निवेशक की कुल ग्रॉस इनकम में जोड़कर टैक्स वसूल किया जाएगा. अगर निवेश की अवधि 3 साल से ज्यादा है. तो ये लॉन्ग टर्म निवेश माना जाएगा और इंडेक्सेशन के साथ 20% टैक्स लगेगा. इसके अलावा सेस और कुछ दूसरे टैक्स भी देने होंगे.