Tuesday, December 5, 2023
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Sardar Patel : PM मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर की पुष्पांजलि अर्पित, हेलीकॉप्टर से बरसे फूल.

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2023 :लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात स्थित प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन आज से पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. यह स्थल के सबसे बड़े पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है और अब तक करोड़ों पर्यटकों को आकर्षित कर चुका है.

गुजरात दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जाएंगे और वहां पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का बुधवार को अनावरण हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया।

खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं।

सरदार पटेल को जयंती

सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में एक किसान परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। उनका विवाह 16 साल की उम्र में हो गया था।

फूलों की घाटी का किया उद्घाटन

पीएम मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण से पहले 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का भी लोकार्पण किया। प्रतिमा के भीतर 135 मीटर की ऊंचाई पर गैलरी बनाई गयी है, जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत शृंखला का दीदार कर सकेंगे।

अधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, लौह पुरुष की सबसे बड़ी प्रतिमा के अनावरण के बाद भारतीय वायुसेना के तीन जहाज सलामी देते हुए तिरंगा बनाएंगे। प्रतिमा के निकट ही प्रधानमंत्री यहां ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी अनावरण करेंगे।

मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

कब कितने पर्यटक आए?

साल 2018 मे 4.53 लाख
साल 2019 मे 27.45 लाख
साल 2020 मे 12.81 लाख (Covid time)
साल 2021 मे 34.29 लाख
साल 2022 मे 41.32 लाख
साल 2023 मे 31.92 लाख

आदिवासियों ने किया बहिष्कार का एलान

इस बीच स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बुधवार के आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है और दावा किया कि इस परियोजना से प्राकृतिक संसाधनों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा। सरदार सरोवर डैम के निकट के 22 गांवों के सरपंचों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर बताया है कि वह इस कार्यक्रम के लिए उनका स्वागत नहीं करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि इलाके में अभी भी स्कूल, अस्पताल और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। मालूम हो कि नर्मदा जिले के कुछ आदिवासी समूहों ने प्रतिमा निर्माण का शुरू से ही विरोध करते रहे हैं।

सरदार पटेल जयंती क्यों मनाई जाती है?

किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2014 से हुई।
सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष क्यों कहा जाता था?

सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है?

इसका कारण यह है कि नव स्वतंत्र देश में राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संपूर्ण और समझौताहीन थी , जिसके कारण उन्हें ‘भारत का लौह पुरुष’ की उपाधि मिली।
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