Parliament Ethics Committee Meeting :कैश फॉर क्वेरी केस में TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि कोई भी आरोप लगा सकता है, लेकिन आरोपों को साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है.
एथिक्स कमेटी की बैठक को लेकर सूत्रों में बताया कि कमेटी के सामने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सपूत रखे हैं. अब महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने के लिए कमेटी में भी बुलाया गया है ,मैं संसद की एथिक्स कमेटी को सोम पर गए हेल्प ना में को पढ़ लिया है.
हलफनामे में इस बात का कोई जिक्र नहीं है, कि मुझे दो करोड रुपए नगद दिए गए थे और महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की ओर से लगाए गए सभी आरोपी को भी शुरू से खारिश कर दिया।
टीएमसी सांसद ने कहा कि सार्वजनिक रूप से एक हलफनामा चल रहा है कि दर्शन हीरानंदानी ने मुझे कैश दिया है.
न्यूज़ से बात करते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि अगर मुझे सवाल पूछने के लिए केस में दर्ज कर दिया था ,तो प्लीज उसमें तारीख भी मेंशन कर दी होती कि कब यह हुआ साथ ही कहा कि सभी दस्तावेज की साक्षी भी दे देना चाहिए ।
महुआ ने निशिकांत दुबे के इस आप के लिए भी उनके अच्छे से आलोचना की है।
बीजेपी सांसद ने की थी महुआ के खिलाफ शिकायत
बीजेपी सांसद निशिकांत ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखते हुए लिखा और टीएमसी सांसद महुआ मोहित्र के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन करने का भी आग्रह किया था।
उन्होंने महुआ को तत्काल प्रभाव से सदन से सस्पेंड करने की भी मांग की थी ।उन्होंने लिखते हुए अपने पत्र में कहा था कि निशिकांत दुबे ने कहा कि मोहित्र ने हाल तक संसद में जो 61 सवाल पूछे थे उनमें से 50 अदानी समूह है ,पर ही फोर्स करते थे।
निशिकांत दुबे पर सवाल
सूत्रों ने बताया कि कमेटी में यह भी कहा गया था कि निशिकांत दुबे ने निजी लड़ाई के चलते हुए महुआ पर आरोप लगाए थे कमिटी में शामिल विपक्ष के एक सदस्य ने भी कहा था कि निशिकांत दुबे की डिग्री पर महुआ ने सवाल उठाए थे इसलिए यह मामला उन्होंने उठाया है.